सिर खाना, मुहावरा व्य र्थ बातें पूछ-पूछ कर पेरेशान करना।
2.
और फिर ये जो नया ब्लाग बनाया है वो किसलिए इसीलिए तो बनाया है बाकी दूसरी तरफ से भी कविता के नाम पर भी लोगों का सिर खाना है और यहां पर लेख के नाम पर सभी ब्लागरों का सिर दुखाना है।
3.
जैसे-पड़ौसियों का ज़बरदस्ती सिर खाना, मौहल्ले की दुकान पर निठल्ले बैठ आने-जाने वालों पर टिप्णीयां करना, सब्ज़ी वालों से झक मारना, पुराने घिसे-पिटे किस्सों को बार-बार दोहराना, अख़बार में छपे हुए हर विज्ञापन से लेकर मण्डी के भाव तक को चाट जाना इत्यादि।